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शमी ही नहीं बल्कि ये क्रिकेटर्स हो चुके है यो यो टेस्ट में फेल, जानिये इस टेस्ट के बारे में



अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले एकमात्र टेस्ट मैच से पहले टीम इंडिया का बड़ा झटका लगा है. टीम के मुख्य तेज गेंदबाज मो0 शमी एनसीए बेंगलुरू में हुए फिटनेस टेस्ट में फेल हो गये है. जिसके चलते उनकी जगह टीम में नवदीप सैनी को मौका मिला है. वहीं दुसरी तरफ IPL-11 में अपने बल्लेबाजी से धूम मचाने वाले युवा विकेट कीपर बल्लेबाज संजू सैमसन का चयन इंग्लैंड दौरे के लिए भारत की ए टीम में चुने गए थे लेकिन यो-यो टेस्ट न पास कर पाने के कारण उन्हे भी टीम से बहार का रास्ता दिखा दिया गया.

यो यो टेस्ट में फेल होने वाले शमी और संजू सैमसन कोई इकलौते खिलाड़ी नहीं है. बल्कि टीम इंडिया के कई दिग्गज खिलाड़ी भी इस फिटनेस टेस्ट में फेल हो चुके है. अगस्त 2017 में श्रीलंका के दौरे से पहले युवराज सिंह और सुरैश रैना जैसे दिग्गजो को भी इस इस टेस्ट में फेल रहने के कारण टीम से बहार का रास्ता दिखा दिया गया था. वहीं पिछले ही दिनो युवा क्रिकेटर वाशिंगटन सुंदर इस का शिकार हुए थे.




जानिये आखिर क्या है यो-यो टेस्ट?

फुटबाल,रग्बी जैसे खेलों में जहां दमखम की अपेक्षाकृत ज्यादा जरूरत पड़ती है, ऐसे खेलों में यह टेस्ट पहले से होता आ रहा है। यो-यो टेस्ट में कई 'कोन्स' की मदद से 20 मीटर की दूरी पर दो पंक्तियां बनाई जाती हैं। खिलाड़ी रेखा के पीछे अपना पांव रखकर शुरुआत करता है और निर्देश मिलते ही दौड़ना शुरू करता है.



20 मीटर की दूरी पर बनी दो पंक्तियों के बीच लगातार दौड़ना होता है और जब बीप बजती है तो मुड़ना होता है. हर एक मिनट या तय किए गए समय में खिलाड़ी को अपने दौड़ने की गति को तेज करना होता है। अगर वह समय पर रेखा तक नहीं पहुंचे तो दो और 'बीप' के बाद उसे तेजी पकड़नी पड़ती है।

अगर इसके बाद भी खिलाड़ी दो छोरों पर मानकों के मुताबिक तेजी हासिल नहीं कर पाता तो उसका परीक्षण रोक दिया जाता है। ये पूरी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर पर आधारित होती है, जिसमें नतीजे रिकॉर्ड किए जाते हैं। यो-यो टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर सबसे आगे माने जाते हैं। इस टेस्ट में उनका औसतन स्कोर 21 होता है

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