विश्व क्रिकेट के 5 ऐसे खिलाड़ी जो कैंसर को मात देकर लौटे मैदान पर, लिस्ट में दो भारतीय शामिल
कैंसर की बीमारी लगातार अपने पाँव पसारती ही जा रही हैं. भारत के युवराज सिंह और इंग्लैंड के माइकल कैरबेरी के बाद अब न्यूजीलैण्ड के पूर्व क्रिकेटर रिचर्ड हैडली भी कैंसर की गिरफ्त में आ गए है.
हेडली इन दिनो आंत के कैंसर से लड़ रहें है. पिछले ही दिनो उनके परिवार ने इस बात का खुलासा किया था. वहीं उनकी पत्नि डायना ने बताया है इसी हफ्ते उनकी दुसरी सर्जरी होनी है. क्रिकेट प्रेमियो को उम्मीद है हेडली जल्द कैंसर को मात देंगे.
आज हम बात करने जा रहें है 5 ऐसे ही क्रिकेटर्स के बारे में जिन्होने कैंसर को मात देकर मैदान पर वापसी की —
माइकल क्लार्क
2006 के दौरान ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और खिलाड़ी माइकल क्लार्क को स्किन कैंसर का पता चला था. यह लो ग्रेड कैंसर था फिर भी खेल के दौरान क्लार्क को खुद को ढंककर रखना होता था. दो लेजर ट्रीटमेंट्स के बाद ये सेल्स खत्म हो गए थे.
मैथ्यू हेडन
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व आक्रामक बल्लेबाज मैथ्यू हेडन जब 16 साल के थे, तब वह कैंसर का शिकार हो गए थे, उनके टेस्टिकल्स में फुटबॉल लग गई थी. उसके बाद उन्हें टेस्टिकुलर कैंसर हो गया था. हालांकि 2001 में क्रिकेट में डेब्यू से पहले वो इससे जंग जीत चुके थे.
ऐश्ले नॉफके
आॅस्ट्रेलिया के ऐश्ले नॉफके का अंर्न्तराष्ट्रीय करियर ज्यादा बड़ा नहीं रहा. 2008 में भारत के खिलाफ वनडे डेब्यू करने वाले ऐश्ले 2008-09 में इंग्लैंड के घरेलू काउंटी सीजन में वोरस्टरशायर की तरफ से खेलते हुए चोटिल हो गए थे. उन्हे कूल्हे में चोट लगी थी इलाज के दौरान उन्हे ब्लड कैंसर का पता चला. 2010 में उन्होने कैंसर को मात देकर मैदान पर वापसी की.
जेपी यादव
मध्य प्रदेश के जय प्रकाश यादव उन खिलाड़ियो में शामिल है जो कैंसर को मात दे चुके है. जब वह साल के थे तो उन्हे कैसर ट्यूमर हो गया था. उन्हे लगा की अब वह शायद ही कभी खेल पायें. लेकिन उन्हे उसे मात देकर मैदान पर वापसी की.
युवराज सिंह
भारतीय टीम के सितारा खिलाड़ी को 2012 में कैंसर का पता चला था. युवी को लंग कैंसर हुआ था। उन्होंने अमेरिका में जाकर कीमोथेरेपी ली थी. वो भी मौत के मुंह से लौटकर आए थे.
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