क्रिकेट इतिहास के वे 5 क्रिकेटर जिन्होने बदला अपना मज़हब , लिस्ट में एक भारतीय क्रिकेटर भी
दुनिया टुडे । किसी भी क्रिकेटर का मैदान पर एक ही मज़हब होता है वो है —क्रिकेट. लेकिन मैदान के बहार वह सभी अपने—अपने मज़हबो का पालन करते है. मज़हब या धर्म हमारे चरित्र व विचारों का आईना भी कहा जाता है. किसी भी व्यक्ति के पास उसके मज़हब का पालन करने के पीछे सबसे बड़ा कारण होता है — विचार. हम हमारे मज़हब का पालन इस्लिए करते है क्यूकिं हमें उसके विचार पसंद है. लेकिन कई लोगो के साथ ऐसे मौके भी आते है जब उन्हे वह विचार उनके अनूकूल नहीं लगते है. ऐसे में वह दुसरे धर्म को स्वीकार कर लेते है. आम लोगो से लेकर फिल्म सेलेब्रेटी और राजनेताऔ तक कई ऐसी मिसाले है जिन्होने दुसरे मज़हब का स्वीकार किया है. ऐसे ही 5 क्रिकेटरो के नाम हम ढूढ कर लाएं है जिन्होने अपना मज़हब बदला. —
1. मो0 यूसुफ
पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन क्रिक्रेटरो में शुमार मौ0 यूसुफ ने 2005 इस्लाम धर्म अपना लिया था. इस्लाम धर्म अपनाने पहले वह क्रिश्चन थे और यूसुफ योहाना के नाम से जाने जाते थे. लेकिन 2005 में इस्लाम धर्म अपनाने के बाद यूसुफ योहान से मो0 यूसूफ बन गये. मौ0 यूसूफ ने पाकिस्तान की तरफ से 288 वनडे मैच व 90 टेस्ट मैच खेले है.
2. हसन तिलकरत्ने दिलशान
श्रीलंका के बेहतरीन क्रिकेटरो में शुमार दिलशान की पहचान उसने पसंदीदा दिलस्कूप शॉर्ट के लिये होती है. दिलशान का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. इनके पिता मुस्लिम व माता बौद्ध थी. लेकिन 1999 इन्होने अपनी माता का धर्म बौद्ध बना लिया. धर्म परिवर्तन के पहले उनका नाम तुवान मुहम्मद दिलशान था.
3. वेन पर्नेल
द. अफ्रीका के तेज गेंदबाज वेन पर्नेल ने जुलाई 2011 में क्रिश्चन धर्म को त्यागकर इस्लाम धर्म को अपनाया. इस्लाम धर्म अपनाने के बाद उन्होने अपना नाम वेन वलीद पर्नेल रख लिया. पर्नेल के नाम 65 वनडे मैचो में 95 विकेट दर्ज है.
4. कृपाल सिंह
कृपाल सिंह धर्म परिवर्तन करने वाले इकलौते भारतीय क्रिकेटर है. वह 1955 से 1964 तक टीम इंडिया का हिस्सा रहे. इस दौरान उन्होने 14 टेस्ट मैच खेले. कृपाल सिंह को एक क्रिस्चियन लड़की से प्यार हो गया था जिससे उन्होंने बाद में शादी कर ली. शादी करने के बाद उन्होंने सिख धर्म को छोड़कर क्रिस्चियन धर्म अपना लिया. कृपाल सिंह का नाम बाद में अर्नोल्ड जॉर्ज हो गया.
5. डेविड शेपार्ड
इंग्लैण्ड के दाएं हाथ के बल्लेबाज शेपार्ड ने अपने पूरे क्रिकेट करियर में कुल 22 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 1172 रन बनाए. क्रिकेट छोड़नके के बाद वह विशप धर्म की ओर आकर्षित हो गये. और वह क्रिश्चन धर्म छोड़कर विशप धर्म की सेवा में लग गये. उन्हे 1969 में इस धर्म का धर्मअध्यक्ष भी चुना गया. साल 1998 में उन्हें लीवरपूल के सबसे बड़े सम्मान टाइटल बेरन शेपार्ड से सम्मानित किया गया.
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