फीफा विश्वकप : 88 साल के इतिहास में सिर्फ एक बार क्वालिफाई कर पाया है भारत, लेकिन नहीं खेल पाया कोई मैच
इन दिनों दुनिया भर में खेल प्रेमियो को फुटबाल का खुमार चढा है. 14 जून से शूरू हुए फीफा विश्वकप का यह 21 वा संस्करण है. जिसकी मजेबानी रशिया कर रहा है. यह टूर्नामेंट 15 जुलाई तक खेला जाना है.
इस टूर्नामेंट में टॉप 32 टीमें को ही खेलने का अवसर मिलता है. इस बार भारतीय फुटबाल टीम ने 97 वा स्थान प्राप्त किया है. फुटबाल विश्वकप की शूरूआत सबसे पहले 1930 में हुई और तब से अब तक सिर्फ एक बार ही ऐसा मौका आया है जब भारतीय टीम ने विश्वकप के लिए क्वालिफाई किया है.
68 साल पहले 1950 में ब्राजील में खेले गए विश्वकप में भारतीय टीम क्वालीफाई तो कर गई लेकिन टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं खेल सकी. इसके पीछे वजह भी बेहद हैरान करने वाली बताई जाती है.
1948 के ओलंपिक खेल में भारतीय फुटबाल टीम ने बेहद शानदार प्रदर्शन कर दुनियाभर के खेल प्रेमियो का अपना मुरीद बना लिया था. अब अगले कुछ सालों में फुटबॉल महाकुंभ फीफा विश्व कप शुरू होने वाला था. इस बार फीफा विश्वकप का आयोजन 12 साल के लम्बे गैप के बाद हो रहा था.
दरअसल उस समय भारत के खिलाड़ी नंगे पैर ही फुटबाल खेला करते थे और ओलंपिक में भी नंगे पैर ही खेलते नजर आए थे. लेकिन फीफा ने भारतीय टीम को आगाह करते हुए कहा था कि अगर वे टूर्नामेंट में खेलना चाहते हैं तो उन्हें जूते पहनने होंगे. टीम इंडिया को एशिया महाद्वीप की तरफ से एकमात्र टीम के रूप में अपने आप फीफा में शामिल होने के लिए जगह तो मिल गई. लेकिन टीम इंडिया फीफा वर्ल्ड कप खेलने ही नहीं गई.
हांलकी इस फुटबाल विश्वकप में न खेलने की एक वजह यह भी मानी जाती है एक स्पोर्ट्स मैगजीन स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड के मुताबिक ताबिक ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन(एआईएफएफ) ने टीम के चयन पर असहमति और अपर्याप्त अभ्यास का हवाला देते हुए घोषणा की कि टीम इंडिया विश्व कप फुटबॉल में शामिल नहीं होगी. सैलन मन्ना जो उस समय विश्व कप में भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान होते ने बताया था कि एआईएफएफ विश्व कप को ओलंपिक की तरह गंभीरता से नहीं ले रहा था.
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