5 सालो में ऐसे गिरा मोदी लहर का ग्राफ, 27 लोस सीटों पर हुए उपचुनाव में गवांई इतनी सीटे
जैसे की उम्मीद थी वहीं हुआ. उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के बाद विपक्ष की एकता ने कैराना में भी इतिहास दोहरा दिया. यूपी की कैराना के अलावा महाराष्ट्र की भंडारा—गोंदिया और नागालैण्ड मे हुए लोकसभा सीट के उपचनुाव में बीजेपी को शिकस्त का सामना करना पड़ा. चार सीटो के लिए हुए इन उपचुनाव में बीजेपी को सिर्फ महाराष्ट्र की पालघर लोस सीट पर ही जीत मिली.
27 उपचुनाव में सिर्फ इतने में मिली जीत
2014 से अबतक हुए बीजेपी को 27 लोकसभा सीटो के लिए हुए उपचुनाव में से सिर्फ 5 में ही जीत नसीब हुई है. इनमें 8 सीटे ऐसी थी जिन पर पहले बीजेपी का कब्जा था. यानी की बीजेपी की ये आठ सीटे उपचुनाव में कम हुई है.
ऐसे गिर रहा है मोदी ग्राफ
2014 लोस चुनाव के बाद 5 सीटो पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को 2 सीटो पर जीत हासिल हुई. इनमें गुजरात की बडौदरा और महाराष्ट्र की बीड शामिल थी. इसके बाद 2015 में तेंलगाना की वारंगल, झाबुआ की रतलाम और प. बंगाल की बनगाव लोस सीट मोदी लहर का कोई असर नहीं दिखा. हांलकी 2016 में पहले से ही जीती हुई दो सीट असम की लखीमपुर और एमपी की शहडोल पर भाजपा का कब्जा बरकरा रहा. लेकिन प. बंगाल की तमलुक और कूचबिहार पर तूणमूल का कब्जा रहा. 2017 में हुए चार सीट पंजबा की अमृतसर और गुरदारपुर, केरल की मल्लपुरम व कश्मीर की श्रीनगर पर मोदी मैजिक का कोई असर नहीं दिखा.
दो साल में गवाई 7 सीटे
बीजेपी 2 साल में 7 सीटे गवां चुकी है. इनमें 2017 में गुरदासपुर(पंजाब),2018 में गोरखपुर, फूलपुर, कैरान (उत्तर प्रदेश) और 2018 में ही राजस्थान की अजमेर और अलवर सीट शामिल है.
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