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यूपी उपचुनाव : गोरखपुर और फूलपुर में जीत के बाद विपक्ष के हौंसले बुलंद, अब कैराना में भाजपा को हराने की तैयारी



उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को हराने के बाद विपक्ष के हौंसले बुलंद हो गये है. अब विपक्ष की नजर कैराना पर है. बीजेपी को हराने के बाद अब उत्तर प्रदेश में गठजोड़ की सियासत तेज हो गई है. चर्चा है की कैराना लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भी विपक्ष ऐसी ही मोर्चाबंदी दिखाता नजर आयेगा.

कैराना सीट भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन से खाली हो गई है. हांलकी इस सीट  पर चुनाव को लेकर अभी तक कोई ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन माना जा रहा है की इस सीट पर चुनाव की घोषणा जल्द ही हो सकती है.  उत्तर प्रदेश की कैराना सीट का उपचुनाव बीजेपी के लिए कई मायने में अहम होगा. इस सीट से  पूर्व बीजेपी सांसद हुकूम सिंह के निधन के बाद उनकी बेटी मृगांका को उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा है.

वही विपक्ष को लेकर कयास लगाए जा रहें है की सपा बसपा के समर्थन से रालोद नेता जयंत चौधरी कैराना से विपक्ष के उम्मीदवार हो सकते है. बता दें की 9 मार्च को राष्ट्रीय लोकदल मुखिया चौधरी अजीत सिंह 2 दिवसीय दौरे पर शामली आये थे. हांलकी फिलहाल ऐसी किसी भी संभावना से इनकार कर रहें है.

गौरतलब है की 2014 लोस चुनाव के बाद कैराना में बीजेपी के वोट प्रतिशत में काफी गिरावट आयी है. 2014 में हुकुम सिंह लगभग ढाई लाख वोटो से जीते थे. जबकि 2017 के विसचुनाव में बीजेपी का वोट करीब 24 प्रतिशत कम हो गया. कैराना विधानसभा सीट पर सपा उम्मीवाद ने जीत हासिल की थी.

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