वो 10 क्रिकेटर जिन पर मैच फिक्सिंग की वजह से लगा आजीवन प्रतिबन्ध, लिस्ट में तीन भारतीय क्रिकटर्स भी शामिल
दुनिया टुडे । क्रिकेट को सज्जनो के खेल के रूप में जाना जाता है. लेकिन बदलते समय के साथ अब यह वैश्विक परिदृश्य में एक व्यापक पहुंच बना चुका है. क्रिकेटर्स अब कम समय में ही ज्यादा शौहरत और पैसा कमाने लगे है. लेकिन कई बार और ज्यादा पैसा कमाने या किसी बहकावे में आकर क्रिकेटर्स ऐसे कदम उठा लेते है जो पूरे क्रिकेट जगत को शर्मसार कर देते है. बीते कई वर्षों में कई क्रिकेटर मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग आदि में पाये गये है.
यहां हम क्रिकेट जगत के 10 ऐसे ही क्रिकेटर्स की बात कर रहें है. जो इस तरह की गतिविधियो में पाये गये. मोहम्मद आमिर, हर्शल गिब्स, अजय जडेजा और मार्लोन सैमुअल्स जैसे कुछ खिलाड़ियों को कुछ समय के लिये प्रतिबंधित किया गया. लेकिन नीचे दिये गये इन 10 खिलाड़ियो को फिक्सिंग की वजह से आजीवन बैन कर दिया गया.
लू विसेंट, न्यूजीलैण्ड (आजीवन प्रतिबंध)
न्यूजीलैण्ड के ओपनिंग बल्लेबाज लू विसेंट को बांग्लादेश प्रीमियर लीग,और इंग्लैंड के घरेलू सर्किट में मैचों के दौरान फिक्सिंग का दोषी पाया गया. जिसके बाद उन पर आजीवन प्रतिबन्ध लगा.
दानिश कनेरिया, पाकिस्तान(आजीवन प्रतिबंध)
पाकिस्तान के दानिश कनेरिया को इंग्लैंड की घरेलू सीरीज में ‘मैच के दौरान अनियमितताओं’ के लिए दोषी पाया गया और वर्ष 2012 में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया. जिसके बाद ईसीबी और पीसीबी दोनो ने उन पर आजीवन बैन लगा दिया.
शिरफुल हक, बांग्लोदश (अनिश्चितकालीन प्रतिबंध)
2012 में बांग्लादेश प्रीमियर लीग के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के मामले में बांग्लादेश के युवा क्रिकेटर शिरफुल हक को बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने अनिश्चित काल के लिए प्रतिबंधित कर दिया.
एस श्रीसंत, भारत (आजीवन प्रतिबंध – 2015 में हटा लिया गया)
भारत के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत को आईपीएल 2013 के स्पॉट फिक्सिंग घोटाले में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में बीसीसीआई ने आजीवन बैन कर दिया था. उन पर जानबूझकर नो बॉल फेंकने का आरोप था, जिससे जुड़ा एक टेप भी सामने आया था. श्रीसंत ने आजीवन प्रतिबंध के विरुद्ध याचिका दायर की और 2015 में दिल्ली पुलिस और स्थानीय अदालत ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया. लेकिन बीसीसीआई ने अभी तक उन को बैन किया हुआ है.
हैंसी क्रोनिए, द. अफ्रीका (आजीवन प्रतिबंध)
द. अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोनिए हैंसी क्रोनिए को अंतरराष्ट्रीय मैचों की भविष्यवाणी करने का दोषी पाया गया. सन 2000 में भारत दौरे के समय मीडिया ने उनके सट्टबाजो से सम्बन्ध को उजागर किया. जिसके बाद उन पर आजीवन प्रतिबंध लग गया. मामले की आगे जांच होने से पहले हैंसी क्रोनिए की अगले वर्ष एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई.
सलीम मलिक, पाकिस्तान (आजीवन प्रतिबंध – 2008 में हटा लिया गया)
सट्टेबाजो और मैच फिक्सिंग की वजह से जेल जाने वाले पहले क्रिकेटर सलीम मलिक को 1994-95 में कराची टेस्ट के दौरान दोषी पाया गया. जिसके बाद उन पर आजीवन प्रतिबन्ध लगा. हांलकी 2008 में निचली अदालत ने उन्हे बरी कर दिया.
अता-उर-रहमान, पाकिस्तान (आजीवन प्रतिबंध – 2006 में हटा लिया गया)
पाकिस्तान के तेज गेंदबाज अता—रह—रहमान पर 2000 में सट्टेबाजों के साथ उनके संबंधों के लिए आइसीसी ने उनपर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया. हांलकी 2007 में वह सभी आरोपो से बरी हो गये. लेकिन टीम मे उनकी वापसी नहीं हो सकी.
मोहम्मद अजहरुद्दीन, भारत (आजीवन प्रतिबंध- 2012 में प्रतिबंध हटा लिया गया)
भारत के सफल कप्तानो में शुमार मो0 अजहरूद्दीन पर सन 2000 में द. अफ्रीका सीरिज के दौरान सट्टेबाजो से सम्बन्ध रखने का आरोप लगा. जिसके बाद उन पर आजीवन प्रतिबन्ध लगा दिया गया. हांलकी 2012 में वह सभी आरोप से बरी हो गये. लेकिन तब तक उनका पूरा करियर चौपट हो चुका था.
अजय शर्मा, भारत(आजीवन प्रतिबंध – 2014 में हटा लिया गया)
जिस दौरान मो0 अजहरूद्दीन, हैंसी क्रोनिए, अजय जडेजा, मनोज प्रभाकर मैच फिक्सिंग घोटाले में संलिप्त पाये गए थे. उसी दौरान भारत का यह क्रिकेटर भी इस आरोप में संलिप्त पाया गया. जिसके बाद उन पर आजीवन प्रतिबन्ध लगा. हांलकी 2014 में बीसीसीआई ने उन पर लगा प्रतिबन्ध हटा दिया. लेकिन अब वापसी संभव नहीं थी.
गुलाम बोडी, द. अफ्रीका(20 साल)
द. अफ्रीका के गुलाम बोडी को घरेलू ट्वेंटी -20 टूर्नामेंट के दौरान मैच फिक्सिंग करने के लिए दोषी पाया गया. जिसके बाद उन पर 20 साल का प्रतिबन्ध लगाया गया.
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