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86 साल के इतिहास में सिर्फ ये दो भारतीय कप्तान ही भारत को दिला पायें है लॉर्ड्स में जीत



एजबेस्टन टेस्ट में मिली शिकस्त के बाद सीरीज़ में 1—0 से पीछे चल रही भारतीय टीम लॉर्ड्स टेस्ट में जीतकर 5 टेस्ट की सीरीज़ में 1—1 बराबरी करना चाहेगी. लेकिन आकंड़ो पर नज़र डाले तो 86 साल के इतिहास में भारतीय टीम को इस मैदान पर सिर्फ दो अद्द जीत ही नसीब हुई है.

लॉर्ड्स में भारत का प्रदर्शन
मेजबान इंग्लैंड और भारत के बीच इस मैदान पर पहला मुकाबला 1932 को खेला गया था. इस मैच से भारत ने अर्न्तराष्ट्रीय क्रिकेट में पर्दापण किया था. यहां भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 17 टेस्ट खेले, जिनमें से उसने सिर्फ 2 जीते है. जबकि 11 मुकाबलो में शिकस्त मिली है, बाकी 4 ड्रा रहें है.

वो कप्तान जिन्होने फतेह किया लॉर्ड्स
1932 में भारतीय टीम के कप्तान सीके नायडू थे, तब से 2018 विराट कोहली तक 15 कप्तान के नेतृत्व में टीम इंडिया ने 17 मुकाबले इस मैदान पर खेले है. जिसमें से सिर्फ दो बार ही टीम को सफलता हाथ लगी है.



पहली बार टीम इंडिया को जीत मिली थी 1986 में. तब कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 5 विकेट से शानदार जीत दर्ज की थी. तथा दूसरी बार महेन्द्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारत ने 2014 में 95 रन से मैच जीता था. अगर कोहली यहां जीत दिलाने में कामयाब हो जाते है तो वह ऐसे तीसरे भारतीय कप्तान होंगे.

वे कप्तान जो नहीं हारे
वेंकटराघवन (1779), सुनील गावस्कर (1982) और राहुल द्रविड (2007) के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 1—1 मैच खेला है जो की ड्रा रहा है. वहीं अजित वाडेकर, मोहम्मद अज़हरूद्दीन और महेन्द्र सिंह धोनी ऐसे कप्तानो में शुमार है जिन्होने एक से अधिक मैच में कप्तानी की है.

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